Description
Book Name: Aap-Khud-Hi-Best-Hain
Author Name: Anupam Kher
Pages: 164
आप खुद ही best हैं हमें सही मार्ग पर बढ़ने के लिए अपना क्रोध, अहं, असत्यता, छलावा—सब छोड़ना होगा। इन दुर्गुणों को छोड़ते हुए हम स्वयं के अधिक निकट आ जाते हैं। इस तरह हम उसे वापस जगाते और जलाते हैं जो हमारे अंदर था, लेकिन लंबे समय तक गलत बोझ एकत्रित करने से जो दफन हो गया था। — हमारा मस्तिष्क भी एक सूटकेस की तरह ही है। कभी-न-कभी यह निर्णय लेना होगा कि आपको क्या आगे ले जाना है और क्या छोड़ना है। आपको अपने मन के सूटकेस से अतिरिक्त भार हटाने की जरूरत है। प्रतिशोध, कड़वी यादों, चिंताओं और नकारात्मक विचारों का बोझ त्यागने की आवश्यकता है और सामानवाले सूटकेस की तरह, आपके दिमाग में मौजूद विचार भी यह दरशाएँगे कि आपका व्यक्तित्व किस प्रकार का है। — आशा हमें हमेशा आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करती है। यहाँ तक कि बुरे समय में भी आशा ही हमें जिलाए रखती है। आशा हमें एक बेहतर कल में विश्वास करने के लिए प्रेरित करती है और आशा ही हमें सभी मुश्किलों का सामना करने के लिए हिम्मत देती है। —इसी पुस्तक से प्रख्यात सिने कलाकार और रंगकर्मी अनुपम खेर के व्यापक अनुभव का निचोड़ है यह पुस्तक। कुल पचास अध्यायों में उन्होंने जीवन के सभी रंगों को समेट लिया है इस अमृतघट में। आपके भीतर छिपी आपकी अच्छाइयों, सद्गुण और सत्वृत्ति को उजागर करने का विनम्र प्रयास है यह पुस्तक, जिसे पढ़कर आपको लगेगा—आप खुद ही best हैं।.
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